
Film – vikrant rona
vikrant rona release date: 28 July 2022 (India)
Director: Anup Bhandari
vikrant rona budget: ₹95 crores
पिछले कुछ समय से साउथ की फिल्मों का हिंदी बाहुल्य क्षेत्रों में क्रेज बढ़ा है। ऐसे में तमिल, तेलुगू, मलयालम और कन्नड़ की फिल्मों को हिंदी में डबिंग करके रिलीज करने का ट्रेंड भी जोरो पर है।
‘केजीएफ 2’ ने हिंदी में जिस तरह से बड़ी सफलता पाई है, उसके बाद कन्नड़ सिनेमा के सुपरस्टार किच्चा सुदीप ने भी अपनी फिल्म Vikrant Rona को हिंदी समेत कई भाषाओं में डबिंग करके पैन इंडिया रिलीज किया है।
कुछ महीने पहले ही किच्चा सुदीप सोशल मीडिया पर अजय देवगन के साथ हिंदी भाषा को लेकर एक विवाद में उलझे हुए थे। हिंदी के दर्शकों ने Kichcha Sudeepa को सलमान खान की फिल्म ‘दबंग 3’ में खतरनाक विलेन के रोल में देख चुके हैं।
‘विक्रांत रोणा’ की कहानी ( vikrant Rona movie review in Hindi)
फिल्म ‘विक्रांत रोणा’ एक रहस्यमय गांव की कहानी है, जहां पर अक्सर बारिश होती रहती है। फिल्म का कालखंड बहुत ही पुराना है उसमें पेट्रोल की कीमत ₹6 रुपये लीटर और डीजल की कीमत ₹3 रुपये लीटर दिखाया गया है।
गांव में अक्सर छोटे – छोटे बच्चे गायब हो जाते हैं और उनकी लाश पेड़ पर लटकी हुई मिलती है। इसका इल्जाम गांव के लोग ब्रह्माराक्षस पर लगाते हैं। एक दिन गांव के थाने के इंस्पेक्टर की सिरकटी लाश कुएं में लटकी हुई मिलती है, तो वहां सनसनी फैल जाती है और इसका इल्जाम भी ब्रह्माराक्षस पर लगता है।
गांव में पहुंचा नया इंस्पेक्टर विक्रांत रोणा (किच्चा सुदीप) इस मामले की जांच पड़ताल शुरू करते है। गांव की एक पुरानी बल्लाल फैमिली अपनी बेटी पन्ना की शादी अपने पैतृक गांव में करने आई हुई रहती है।
गांव में पहले से रहने वाली गंभीर फैमिली का बेटा संजू भी अरसे बाद गांव में लौटा है। वह पन्ना से इश्क मोहब्बत करने लगता है। और शादी की तैयारियों के बीच बच्चों की हत्या का सिलसिला जारी रहता है।
vikrant rona movie review in hindi
तो क्या संजू और पन्ना का इश्क विश्क परवान चढ़ पाता है? क्या विक्रांत रोणा बच्चों और इंस्पेक्टर के कातिल की गुत्थी सुलझा पाते है? दोस्तों यह जानने के लिए आपको सिनेमाघर जाना होगा।
फिल्म ‘विक्रांत रोणा’ का रिव्यू
फिल्म के डायरेक्टर अनूप भंडारी ने लीक से हटकर एक रहस्यमयी और शानदार सिनेमा को रचा है, जो एक बार आपको अपनी गिरफ्त में ले ही लेता है, तो फिल्म खत्म होने के बाद ही आप उससे निकल पाते हैं।
हिंदी के दर्शकों ने इतनी जबर्दस्त थ्रिलर फिल्म इससे पहले शायद ही देखा होगा। खासकर 3डी में इस मूवी को देखने पर एक अलग ही अहसास होता है।
फिल्म के पहले हाफ सेसन में अनूप ने कहानी को स्थापित किया है, लेकिन इस दौरान आप फिल्म के हर एक किरदार पर शक की नजर से देखने लगते हैं। वहीं आपको भूत प्रेत का भी अंदेशा होने लगता है।
सेकंड हाफ सेसन में कहानी एक अलग ही मोड़ ले लेती है। क्लाईमैक्स के दौरान फिल्म में पुराने समय की इतनी परतें खुलती हैं कि आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। इसे पूरी तरह किच्चा सुदीप की फिल्म कहा जाए, तो कुछ गलत बिल्कुल भी नहीं होगा, जिन्होंने एक चेन स्मोकर इंस्पेक्टर के रोल को बेहद स्टाइलिश अंदाज में निभाया है।
इस फिल्म में जैकलीन फर्नांडिस के पास एक आइटम नंबर के अलावा बाकी कुछ खास नहीं है। जबकि संजू बने निरूप भंडारी और पन्ना बनी नीता अशोक ने अपने रोल को बेहद संजीदगी से निभाया।
क्यों देखना चाहिए: अगर आप बॉलिवुड की रूटीन फिल्मों से अलग हटकर एक नई तरह का थ्रिलर सिनेमा देखना चाहते हैं, तो इस फिल्म की टिकट खरीद लीजिए हैं। और अगर फिल्म का पूरा मजा लेना है, तो इसे 3डी में ही देखना सही रहेगा।
Nice, thanks for information
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